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Tuesday, 5 February 2013

Ideal Student Hindi Essay




Ideal Student
Hindi Essay

आदर्श विद्यार्थी वह है जो ज्ञान या विद्या की प्राप्ति को जीवन का पहला आदर्श मानता है। जिसे विद्या की चाह नहीं वह आदर्श विद्यार्थी नहीं हो सकता। यह विद्या ही है जो मनुष्य को नम्र, सहनशील और गुणवान बनाती है। विद्या की प्राप्ति से ही विद्यार्थी आगे चलकर योग्य नागरिक बन पाता है। 

आदर्श विद्यार्थी को अच्छी पुस्तकों से प्रेम होता है। वह पुस्तक में बताई गई बातों को ध्यान में रखता है और अपने जीवन में उतार लेता है। वह अच्छे गुणों को अपनाता है और बुराइयों से दूर रहता है। उसके मित्र भी अच्‍छे सद्‍गुणों से युक्त होते हैं।

वह अपने गुरुजनों का सम्मान करता है। आदर्श विद्यार्थी अपने चरित्र को ऊंचा बनाने का प्रयास करता है। वह शिक्षकों तथा अभिभावकों की उचित सलाह को सुनकर उस पर अमल करता है। 

आदर्श विद्यार्थी देश के भविष्य में मददगार साबित होते हैं। वे ही बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, शिक्षक, पत्रकार, आईएएस, आईपीएस, वकील और फौज में उच्च अधिकारी आदि बनते हैं। वे देश की सेवा करते हैं और अपने देश व परिवार का नाम ऊंचा करते हैं। यदि किसी व्यक्ति का विद्यार्थी जीवन आदर्श रहा हो तो उसे आगे चलकर आदर्श नागरिक बनने में काफी मुश्किल हो सकती है।

आदर्श विद्यार्थी को सीधा और सच्चा होना चाहिए। उसे आलस्य नहीं करना चाहिए। परिश्रमी और लगनशील होना चाहिए। पढ़ाई के अलावा खेलकूद व अन्य गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए। उसे विद्यालय में होने वाली सभी तरह की गतिविधियों में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व का विकास करना चाहिए। एक आदर्श विद्यार्थी अपने लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखता है।

My favorite hobby Hindi Essay



My favorite hobby
Hindi Essay


प्रत्येक व्यक्ति कुछ न कुछ शौक रखता है। शौक हमें आनंद देते हैं। शौक रखने से हमें ऊब नहीं होती। इससे काम के प्रति हमारा उत्साह बना रहता है। इसलिए मैं भी एक शौक रखती हूं। बागवानी मेरा सबसे प्रिय शौक है। 

मैं रोज सवेरे एक घंटे के लिए बागवानी करती हूं। मेरे घर के पिछवाड़े में थोड़ी-सी खाली जगह है। यहां मैंने एक वाटिका लगाई है। वाटिका के चारों ओर कंटीले तार और आकर्षक ढंग से कटी झाड़ियां हैं। 

गृहवाटिका में मैंने गुलाब, गेंदा, चमेली, बेली और गुलदाउदी के पौधे लगाए हैं। मैं यहां भिंडी, बैंगन, टमाटर आदि मौसमी शाक-सब्जियां भी लगाती हूं। मेरी वाटिका में अमरूद, पपीता, केला और लीची के पेड़ हैं।

तरह-तरह के पेड़-पौधों से सजी मेरी वाटिका बहुत शोभायमान लगती है। मैं पेड़-पौधों को सींचतीं हूं। मैं इनमें यथासमय गोबर की खाद डालती हूं। मैं नए पौधों के लिए मिट्‍टी तैयार करती हूं। इन कार्यों में मुझे बेहद आनंद आता है। 

सुबह-सुबह गृहवाटिका में चलहकदमी करने से शरीर में ताजगी आती है। सुगंधित फूलों से युक्त मेरी गृहवाटिका आसपड़ोस के वातावरण को खुशनुमा बना देती है।

मेरा शौक मुझे तन और मन की प्रसन्नता प्रदान करता है।

Saturday, 2 February 2013

Essay on mother The world's best mother




Essay on mother
The world's best mother

मेरी मां बहुत प्यारी हैं। वे रोज सुबह घर में सबसे पहले उठ जाती हैं। भगवान से लेकर घर के सब लोगों का ध्यान मेरी मां ही रखती हैं। वे दादा-दादी का पूरा ध्यान रखती हैं। पापा, मेरी और मेरी छोटी बहन की हर एक छोटी बड़ी बातों की परवाह भी मेरी मां करती हैं। दादी कहती हैं कि मेरी मां घर की लक्ष्मी हैं। मैं भी मां को भगवान के समान मानता हूं और उनकी हर बात मानता हूं। 

मेरी मां जॉब भी करती हैं। घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारी वे बहुत ही अच्छे से निभाती हैं। उनके सरल और सुलझे व्यवहार की तारीफ उनके ऑफिस के सारे लोग करते हैं। मेरी मां गरीबों और बीमारों की भी हर संभव मदद करती हैं। मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं। मैं जब कोई गलती करता हूं तब मां मुझे डांटती नहीं हैं बल्कि प्यार से मुझे समझाती हैं। जब मैं दुखी होता हूं तब मेरी मां ही मेरे मुरझाए चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर आती हैं। उनके प्यार और ममतामयी स्पर्श को पाकर मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं। 

मेरी मां ममता की देवी समान हैं। वे मुझे और मेरी बहन को हमेशा अच्छी-अच्छी बातें बताती हैं। मेरी मां मेरी आदर्श हैं। वे मुझे सच के रास्ते पर चलने की सीख देती हैं। समय का महत्व बताती हैं। कहते हैं कि मां ईश्वर के द्वारा हमें दिया गया एक वरदान है। जिसकी आंचल की छांव में हम अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं और अपने सारे गम भूल जाते हैं। मैं अपनी मां से बहुत प्यार करता हूं और भगवान को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे दुनिया की सबसे अच्छी मां दी।

Hindi Essay - newspapers



Hindi Essay - newspapers


आज के युग में समाचार पत्र मनुष्‍य की दिनचर्या का आवश्‍यक अंग बन गया है। प्रात:काल से ही मनुष्‍य को इसका इंतजार रहता है। समाज की उन्‍नति में इसका अहम योगदान रहा है।

हमारे आसपास व देश-विदेश की घटनाओं की जानकारी समाचार पत्र से ही प्राप्‍त होती है। समाचार पत्र का प्रकाशन कलकत्‍ता से प्रारंभ हुआ। पूर्व में समाचार पत्र का उपयोग सैनिकों द्वारा सूचना देने के लिए किया जाता था। 


हमें हर तरह की जानकारी इससे ही मिलती है। शिक्षा, खेल, मनोरंजन, साहित्‍य आदि की प्रमुख खबरें दैनिक समाचार में प्रकाशित होती हैं। हर देश में भिन्‍न-भिन्‍न भाषाओं में इसका प्रकाशन होता है। दैनिक समाचार पत्र के अलावा मासिक, पाक्षिक व साप्‍ताहिक पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन होता है। 
हमें समाचार पत्र से घर बैठे देश-विदेश की गतिविधि का पता चल जाता है। समाचार के लेख, खबरें समाज की उन्‍नति में इनका विशिष्‍ट योगदान रहा है। इसका क्षेत्र काफी बढ़ गया है। समाचार पत्र संचार के साधनों में महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखते हैं। 

समाचार पत्र हमें देश-विदेश से परिचय कराता है। समाचार पत्र के अलावा हमें टीवी, इंटरनेट पर भी खबरों की सुविधा मिल जाती है। यह न्‍याय के खिलाफ हमेशा तत्‍पर रहता है। पहले इतने साधन नहीं थे, लेकिन अब समाचार पत्र के कारण हमें नई-नई ज्ञान की बातें भी मिलती हैं। यह हमारे लिए ज्ञान का सशक्‍त माध्‍यम है।

Hindi essay: Mahatma Gandhi





Hindi essay: Mahatma Gandhi

राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। हम उन्‍हें प्‍यार से बापू पुकारते हैं। इनका जन्‍म 2 अक्‍टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। सभी स्‍कूलों और शासकीय संस्‍थानों में 2 अक्‍टूबर को इनकी जयंती मनाई जाती है। उन्‍हीं के प्रेरणा से हमारा देश 15 अगस्‍त 1947 को 
आजाद हुआ। 

गांधीजी के पिता करमचंद गांधी राजकोट के दीवान थे। इनकी माता का नाम पुतलीबाई था। वह धार्मिक विचारों वाली थी। 



उन्‍होंने हमेशा सत्‍य और अहिंसा के लिए आंदोलन चलाए। गांधीजी वकालत की शिक्षा प्राप्‍त करने के लिए इंग्‍लैंड भी गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्‍होंने बंबई में वकालत शुरू की। महात्‍मा गांधी सत्‍य और अहिंसा के पुजारी थे।


एक बार गांधीजी मुकदमे की पैरवी के लिए दक्षिण अ‍फ्रीका भी गए थे। वह अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर अत्‍याचार देख बहुत दुखी हुए। उन्‍होंने डांडी यात्रा भी की। 

गांधीजी की 30 जनवरी को प्रार्थना सभा में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्‍या कर दी। महात्‍मा गांधी की समाधि राजघाट दिल्‍ली पर बनी हुई है

diwali Hindi Essay

diwali
Hindi Essay

दीपावली का अर्थ है - दीपों की पंक्तियां। दीपावली के दिन प्रत्येक घर दीपों की पंक्तियों से शोभायमान रहता है। दीपों, मोमबत्तियों और बिजली की रोशनी से घर का कोना-कोना प्रकाशित हो उठता है। इसलिए दीपावली को रोशनी का पर्व भी कहा जाता है।

दीपावली कार्तिक माह की अमावस को मनाई जाती है। रोशनी से अंधकार दूर हो जाता है। इसी तरह मन में अच्‍छे विचारों को प्रकाशित कर हम मन के अंधकार को दूर कर सकते हैं। 

यह त्योहार अपने साथ ढेरों खुशियां लेकर आता है। एक-दो हफ्ते पूर्व से ही लोग घर, आंगन, मोहल्ले और खलिहान को दुरुस्त करने लगते हैं। बाजार में रंग-रोगन और सफेदी के सामानों की खपत बढ़ जाती है। ठंडे मौसम की हल्की-सी आहट से तन-मन की शीतलता बढ़ जाती है। 

दीपावली का दिन आने पर घर में खुशी की लहर दौड़ जाती है। बाजार में मिट्‍टी के दीपों, खिलौनों, खील-बताशों और मिठाई की दुकानों पर भीड़ होती है। दुकानदार, व्यापारी अपने बहीखातों की पूजा करते हैं और कई इसी दिन नए ‍वित्तीय वर्ष की शुरुआत भी करते हैं।

संध्या के समय घर-आंगन और बाजार जगमगा उठते हैं। पटाखों की गूंज और फुलझड़ियों के रंगीन प्रकाश से चारों ओर खुशी का वातावरण उपस्थित हो जाता है। घर-घर में पकवान बनाए जाते हैं। बच्चों की स्कूल की छुट्‍टियों से इस त्योहार का मजा दोगुना हो जाता है।


रात्रि में पटाखे चलाए जाते हैं। लगभग पूरी रात पटाखों का शोरगुल बना रहता है। दीपावली की बधाइयों के आदान-प्रदान का सिलसिला चल पड़ता है।

दीपावली के दिन भारत में विभिन्न स्थानों पर मेले लगते हैं। दीपावली एक दिन का पर्व नहीं अपितु पर्वों का समूह है। दशहरे के पश्चात ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती है। लोग नए-नए वस्त्र सिलवाते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस का त्योहार आता है। इस बाजारों में चारों तरफ चहल-पहल दिखाई पड़ती है।  

बर्तनों की दुकानों पर विशेष साजसज्जा व भीड़ दिखाई देती है। धनतेरस के दिन बरतन खरीदना शुभ माना जाता है अतैव प्रत्येक परिवार अपनी-अपनी आवश्यकता अनुसार कुछ न कुछ खरीदारी करता है। इस दिन तुलसी या घर के द्वार पर एक दीपक जलाया जाता है। इससे अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली होती है। इस दिन यम पूजा हेतु दीपक जलाए जाते हैं।